विनती सुनो गणराजा आज,
मेरी महफ़िल में आ जाना,
आज मेरी महफ़िल में आ जाना,
आज मेरी महफ़िल में आ जाना,
विनती सुनों गणराजा आज,
मेरी महफ़िल में आ जाना।।
रिद्धि सिद्धि के तुम हो दाता,
भक्तजनों के भाग्य विधाता,
शंकर के लाल गणराजा,
आज मेरी महफ़िल में आ जाना,
विनती सुनों गणराजा आज,
मेरी महफ़िल में आ जाना।।
माथे मुकुट गले मोतियन माला,
कानन कुण्डल हाथन भाला,
मस्तक सिंदूरी गणराजा,
आज मेरी महफ़िल में आ जाना,
विनती सुनों गणराजा आज,
मेरी महफ़िल में आ जाना।।
देवतो में इनसे बड़ा न कोई दूजा,
सर्वप्रथम होती है जो इनकी पूजा,
बुद्धि के दाता गणराजा,
आज मेरी महफ़िल में आ जाना,
विनती सुनों गणराजा आज,
मेरी महफ़िल में आ जाना।।
विनती सुनो गणराजा आज,
मेरी महफ़िल में आ जाना,
आज मेरी महफ़िल में आ जाना,
आज मेरी महफ़िल में आ जाना,
विनती सुनों गणराजा आज,
मेरी महफ़िल में आ जाना।।
प्रेषक – वीरेंद्र सिंह कुशवाह।
8770536167