राम नाम का लेके सहारा,
भव सागर तर जाएंगे,
चलो अयोध्या बुला रही है,
मंदिर वही बनाएँगे,
बांध कफन केसरिया भक्तों,
जन्मभूमि पर जाएंगे,
राम धर्म ही राष्ट्र धर्म है,
दुनिया को बतलाएंगे।।
जहाँ लिया अवतार सुहावन,
कौशलेश प्रभु राम ने,
लीला चरित दिखाया पावन,
पुरुषोत्तम सुखधाम ने,
प्राणो से प्रिय कण कण हमको,
तनिक नहीं रुक पाएंगे,
चलो अयोध्या बुला रही है,
मंदिर वही बनाएँगे।।
जो दुनिया के काज सँवारे,
कर प्रणाम प्रभु राम को,
धन्य हुआ उसका जीवन जो,
निकले राम के काज को,
प्रभु चरणों में शरण मिले तो,
अमितानन्द को पाएंगे,
चलो अयोध्या बुला रही है,
मंदिर वही बनाएँगे।।
मंदिर वही बनाएँगे,
हमने खाई सौगंध है,
पग ना रुकेंगे जब तक,
प्राणो का तन से सम्बन्ध है,
श्रम सेवा के लिए चले जो,
प्रभु उसे मिल जाएंगे,
चलो अयोध्या बुला रही है,
मंदिर वही बनाएँगे।।
रोक नहीं पाएगी लाठी,
गोली दीवानो की राह,
अंतिम हिचकी तक मंदिर की,
होगी मन मंदिर में चाह,
चाहे जाए प्राण जन्म भू,
प्रभु की मुक्त कराएंगे,
चलो अयोध्या बुला रही है,
मंदिर वही बनाएँगे।।
राम नाम का लेके सहारा,
भव सागर तर जाएंगे,
चलो अयोध्या बुला रही है,
मंदिर वही बनाएँगे,
बांध कफन केसरिया भक्तों,
जन्मभूमि पर जाएंगे,
राम धर्म ही राष्ट्र धर्म है,
दुनिया को बतलाएंगे।।
Singer / Writer – Shri Amitanand Ji