ओ खाटू वाले श्याम,
मेरे मन को तू ही भा गया,
ओ मुरली वाले श्याम,
मेरे मन को तू ही भा गया,
तोड़ के मोह माया के बंधन,
शरण तेरी मैं आ गया,
ओ खाटु वाले श्याम,
मेरे मन को तू ही भा गया।।
पथ भटके को बाबा तूने,
ही रस्ता दिखलाया है,
मेरे सुन्दर श्याम तूने,
अपने दर पे बुलाया है,
तन मन पे मेरे अब तो,
श्याम तू ही छा गया,
ओ खाटु वाले श्याम,
मेरे मन को तू ही भा गया।।
अजब निराली माया तेरी,
सच्चा तेरा दरबार है,
तेरे दर पे आने से बाबा,
मिलता तेरा प्यार है,
बीच पड़ी मंझधार नैया को,
तू ही पार लगा गया,
ओ खाटु वाले श्याम,
मेरे मन को तू ही भा गया।।
‘त्रिभुवन प्रबोध’ ने तेरी,
महिमा गाई श्याम है,
शाम सवेरे बंसी वाले,
जपता तेरा नाम है,
हम भक्तों का खोल नसीबा,
‘सोनू’ अर्ज़ लगा रहा,
ओ खाटु वाले श्याम,
मेरे मन को तू ही भा गया।।
ओ खाटू वाले श्याम,
मेरे मन को तू ही भा गया,
ओ मुरली वाले श्याम,
मेरे मन को तू ही भा गया,
तोड़ के मोह माया के बंधन,
शरण तेरी मैं आ गया,
ओ खाटु वाले श्याम,
मेरे मन को तू ही भा गया।।
Singer – Tribhuwan Prabhodh Bakshi