हमको बाबा कब बुलाओगे,
अपने दर्शन दिखा के श्याम प्रभु,
खाटू नगरी में कब घुमाओगे,
हमकों बाबा कब बुलाओगे।।
वो बहारें वो ग्यारस की रातें,
हमने की थी जो श्याम से बातें,
उन बहारों की याद आती है,
वो नज़ारे कब दिखाओगे,
हमकों बाबा कब बुलाओगे।।
तेरे दर्शन बिना ये चैन ना था,
इक ऐसा भी दौर आया था,
खाटू आये बिना आराम ना था,
मेरे दिल में तू समाया था,
अब बुला लो अपने चरणों में,
और कितना हमें तड़पाओगे,
हमकों बाबा कब बुलाओगे।।
हमने बाबा कभी ना सोचा था,
ऐसे दिन भी हमें दिखाओगे,
अपने दर्शन बिना हे श्याम प्रभु,
कितने दिन और तुम लगाओगे,
मैं खड़ा हूँ तुम्हारे दर्शन को,
और कितना हमें सताओगे,
हमकों बाबा कब बुलाओगे।।
तेरे द्वारे पे हम तो आते थे,
अपनी विनती तुम्हे सुनाते थे,
कैसी ‘राजू’ से बाबा भूल हुई,
इस तरह हमसे रूठ जाओगे,
हमकों बाबा कब बुलाओगे।।
हमको बाबा कब बुलाओगे,
अपने दर्शन दिखा के श्याम प्रभु,
खाटू नगरी में कब घुमाओगे,
हमकों बाबा कब बुलाओगे।।
Singer – Raju Virmani