आ गए आ गए आ गए रे,
गजानन द्वारे आ गए रे,
गजानन दुआरे आ गए रे।।
गलियन गलियन फूल बिछाये,
कंचन कलस जलाये,
रे भैया चन्दन चौकी आसान दिनी,
इत्र दये छिड़काये,
सब के मन हर्षाये रे,
गजानन दुआरे आ गए रे,
आ गए आ गए आ गए रे,
गजानन दुआरे आ गए रे।।
एक वर्ष के बाद है आये,
हम सब आस लगाए,
झूमे नाचे खुसी मनाये,
लडुअन भोग लगाए,
कपित जम्भू फल लाये रे,
गजानन दुआरे आ गए रे,
आ गए आ गए आ गए रे,
गजानन दुआरे आ गए रे।।
अगले बरस फिर जल्दी आना,
हम को भूल ना जाना,
निज चरणों की भगती देना,
भगत रहे हर्षाये,
ऐसे भाग्य जगाये रे,
गजानन दुआरे आ गए रे,
आ गए आ गए आ गए रे,
गजानन दुआरे आ गए रे।।
आ गए आ गए आ गए रे,
गजानन द्वारे आ गए रे,
गजानन दुआरे आ गए रे।।
प्रेषक – दुर्गा प्रसाद पटेल।
9713315873